राजधानी के हुए डबल मर्डर केस के मामले में सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने चाइल्ड कोर्ट का निर्देश दिया है। चाइल्ड कोर्ट से कहा गया है कि 6 माह में केस का ट्रायल खत्म किया जाए। दरअसल रांची के गोंदा थाना और सुखदेव नगर थाना क्षेत्र में हुए सीरियल मर्डर के
चाईबासा में 20 अक्टूबर को सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवती से हुए गैंगरेप का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने 60 घंटे के अंदर ही इस घटना में शामिल सात आरोपियों को दबोच लिया है। जानकारी के अनुसार घटना में एक 13 वर्षीय नाबालिग और एक 17 वर्षीय किशोर भी शामिल था।
रांची के पिठौरिया थाना क्षेत्र में ईंट भट्टा चलाने वाले एक व्यवसायी से लेवी की राशि वसूलने आए दो अपराधियों को रंगेहाथ धर दबोचा। दोनों अपराधी रांची के रातू थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। मुन्ना उरांव व दीपक उरांव नामक अपराधियों को जाल बिछाकर पकड़ा। इसकी जा
राजधानी के लोअर चुटिया में रहने वाले बिजनेसमैन विक्रम शर्मा से 50 लाख रुपए की रंगादारी मांगी गई है। विक्रम को फोन कर अमन साव गिरोह के मयंक सिंह के नाम पर रंगदारी की मांग की गई है। इस संबंध में बिजनेसमैन ने नामकुम थाने में मामला दर्ज कराया है।
चाईबासा जिले में 26 साल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर से गैंग’रे’प करने वाले अपराधी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। दरअसल इस मामले में एसआईटी की टीम गठित हुई थी। टीम सदर एसडीपीओ, जनगन्नाथपुर एसडीपीओ और एएसपी शामिल थे। टीम ने रेप की घटना को अंजाम देने वाले करीब आध
दो साल की मासूम चोरी हो गई। माता-पिता परेशान हो गए। खूब ढूंढा मगर वह नहीं मिली। हताश, निराश, परेशान होकर ढेलाटोली सोहराय भवन रांची के समीप रहने वाले रंधीर कुमार मंडल पुलिस की शरण में पहुंचे। अरगोड़ा थाना में लिखित आवेदन दिया गया कि उनके दो वर्षीय पुत्री र
राज्य के 2 जिलों में पतियों ने अपनी-अपनी पत्नियों की बेरहमी से हत्या कर दी है। मामला गुमला और देवघर जिले का है जहां किसी ने टांगी से काटकर पत्नी को मौत के घाट उतार दिया है तो किसी ने बम से पत्नी को उड़ा दिया। पहला मामला गुमला जिले के सदर थाना क्षेत्र के